इंद्रजाल शब्द दो शब्दों “इंद्र” और “जाल” का संयोजन है जिसका अर्थ है देवताओं का राजा और जाल क्रमशः एक साथ वे अर्थ बनाते हैं। इंद्रजाल एक विशेष प्रकार के समुद्री पौधे की जड़ है, जिसके पत्ते नहीं होते, जो महासागरों में चट्टानों और प्रवाल भित्तियों की गहरी गहराई में पाया जाता है। इसका आकार शिराओं जैसी लहराती धारियों के रूप में होता है। प्रजातियों के अनुसार कुछ में शिरा के बीच में सारा स्थान खाली होता है और कुछ में क्रिस्टलीय भराव भरा होता है।
इंद्र जाल को ब्रह्मजाल और महा इंद्र जाल के नाम से भी जाना जाता है। यह न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में ज्योतिषीय और धार्मिक इतिहास में बहुत महत्व रखता है। इन्द्रजाल की महिमा डामरतंत्र, विश्वसार, रावणसंहिता, आदि ग्रंथों में बताई गई है। सिर्फ भारत में ही नहीं मिस्र में इसे सुख समृद्धि और उन्नति का प्रतीक माना गया है. मान्यताओं के अनुसार-सिद्ध इंद्रजाल को अपने पास रखने से नजरदोष, ऊपरी बाधा, नकारात्मक शक्तियों और जादू टोने का प्रभाव आदि का प्रभाव खत्म हो जाता है. इंद्रजाल अत्यंत दुर्लभ और महत्वपूर्ण होने के कारण यह आसानी से नहीं पाया जा सकता है और भारत सरकार के दोवारा भी इसकी बिक्री और खरीद पर बैन लगाया गया है।
इसके जादुई उपयोग साधारणत किसी भी बुरे या बुरे प्रभाव से छुटकारा पाने के लिए, नज़र दोष और वित्तीय परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए, काला जादू, वास्तु दोष निवारण, आसपास की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने, सकारात्मक ऊर्जा को सक्रिय करने, चोरी के खिलाफ जगह की रक्षा करने और भाग्य को सक्रिय करने के लिए किया जाता है। कहा जाता है कि जिस घर में इंद्रजाल का प्रयोग किया जाता है वहां भूत-प्रेत, जादू-टोना आदि का प्रभाव नहीं होता है, इसे लक्ष्मी स्वरुप भौतिक सुख समृद्धि और प्रगति का प्रतीक माना जाता है। सिद्ध इंद्रजाल को अपने पास रखने से विषहरण, ऊपरी बाधा, नकारात्मक शक्तियां और जादू-टोना आदि का प्रभाव भी कमजोर होता है।
चमत्कारी इंद्रजाल एक अद्भुत चमत्कारी वो तांत्रिक जड़ी है, जो की किसी भी प्रकार की टोने , टोटको ,तांत्रिक प्रयोगों से रक्षा में ये अचूक कम करता है । अगर घर में भुत प्रेत का साया हे, या किसी ने कुछ करवा दिया हे ऐसी आशंका हे, अगर कोई बड़ी आपत्ति जैसे किसी ने आपकी व्यापर को बांध कर रख दिया है, किसी ने किसी भी प्रकार से टोना टोटका किया हो, यह एक अदभुत तंत्र रक्षा कवच हे, मंत्र से सिद्ध कर आपने घर, ऑफिस या दुकान में दीवाल पर रखने से सम्पूर्ण प्रकार से रक्षा होती हे! रवि पुष्य नक्षत्र, नवरात्र, होली, दीपावली इत्यादि शुभ समय में मंत्रों से इंद्रजाल वनस्पति को मंत्रों से अभिमंत्रित कर साधक अपने कर्मक्षेत्र में और अध्यात्मिक क्षेत्र में आशातीत लाभ प्राप्त कर सकता है. और साधको में प्रबल आकर्षण शक्ति उत्पन्न होता है ये किसी का भी आकर्षण या वशीकरण कर सकते है.
घर के मुख्य द्वार पर लगाने से घर में नकारात्मक शक्तियों का प्रवेश नहीं होता और वास्तु जनित दोषों का भी नाश होता है. रोगी व्यक्ति के दक्षिण दिशा में लगाने से मृत्यु भय नहीं होता और उत्तर में लगाने से स्वास्थ्य लाभ होता है. दुकान या व्यापार स्थल के दक्षिण दिशा में लगाने से व्यापार में उन्नति होती है. और दुश्मनों प्रतिद्वंदियों द्वारा किये कराये के असर से बचाव होता है.
इंद्रजाल का पौधा में एक औषधीय जड़ी बूटी के रूप में भी प्रयोग होता है। वैकल्पिक चिकित्सा के रूप में इसका व्यापक रूप में भारत और नेपाल जैसे देशो बहुत उपयोग किया जाता है। इस पौधों को अन्य यौगिकों के साथ मिलाकर पुरुषों के जिगर और प्रोस्टेट की गंभीर बीमारियों, त्वचा और श्वसन संबंधी बीमारियों का इलाज करना, पाचन में सुधार करना और सूजन को कम करना और कैंसर के लिए उपयोग किया जाता है। संतान प्राप्ति, शत्रु बाधा, नजर से बचने के लिए इंद्रजाल का प्रयोग लाभकारी होता है।
जैसा हमने पहले बताया है इंद्रजाल एक प्रकार की समुद्री वनस्पति है, जिसके अंदर चमत्कारी शक्तियां छिपी हुई हैं। यह अपने आसपास की नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर, सकारात्मक ऊर्जा को घर में लाने में पूरी मदद करता है। इसे तस्वीर की तरह फ्रेम करवा कर मुख्य द्वार के अंदर वाली दीवार पर लगाना चाहिए। यहां रखे जाने पर यह बुरी ताकतों से आपको बचाए रखता है। गौरतलब है कि यह सामान्य सा दिखने वाला समुद्री पौधा आपकी मानसिक शक्ति को बढ़ाता है और यदि आपमें थोड़ी भी अतींद्रिय शक्ति अथवा पूर्वभास की योग्यता है तो इसका प्रभाव उसे अत्यंत तीव्र गति से बढ़ाने में सक्षम है। ज्योतिष की दृष्टि से यह पौधा अत्यंत पवित्र माना जाता है और इसके चमत्कारों के संदर्भ में इतिहास भी है। रावण संहिता में इसका जिक्र है और द्वारतंत्र के संदर्भ में इसे महत्वपूर्ण माना गया है। भले ही इसका मिलना इतना आसान नहीं, पर इसके चमत्कारिक गुण से सभी लोग परिचित हैं और इसे पाने का प्रयत्न करते रहते हैं। हां, यह अवश्य है कि इसे ऊर्जावान बनाने के लिए विधिविधान से अभिमंत्रित किया जाता है।
बुरी नजर और वास्तु दोष को दूर करने में यह तत्काल प्रभाव से कार्य करता है। आप इसके गुणों को देखते हुए इसे तिलिस्मी भी कह सकते हैं। हालांकि इसका वैज्ञानिक नाम सी फैन है। यह कम कीमत में प्राप्त होने वाला चमत्कारी पौधा है। घर हो या ऑफिस इसे रखने से काम की निरंतरता और प्रगति में बाधा नहीं आती। नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिल जाती है। इतना ही नहीं, यह काला जादू के प्रभाव से भी बचाता है। शांत मन से इसके आगे खड़े होकर प्रार्थना करें कि यह आपको आर्थिक रूप से मजबूत करे, हर समस्या से छुटकारा दिलाए तो इसका प्रभाव तत्काल दिखाई देगा, परंतु इसके लिए इंद्रजाल का पौधा असली होना चाहिए। इसको घर में रखने से परिवार में शांति बनी रहती है। धन, यश, सम्मान और पहचान दिलाने में इसका जवाब नहीं। समुद्र से प्राप्त होने वाले इस तांत्रिक पौधे में आध्यात्मिक शक्ति है। बीमारी, शत्रुता और व्यावसायिक हानि को यह रोकता है। इसे फ्रेम करा कर पूजा घर में रखने से इसकी ताकत और भी बढ़ जाती है।
इंद्रजाल सिद्ध करने की विधि:
तांत्रिक ग्रंथो के अनुसार इंद्रजाल की पूजा के अमावस्या, पूर्णिमा या दीवाली के दिन रात्रि के समय अथवा मंगलवार और शनिवार का दिन सबसे शुभ माना गया है, इसके लिए सबसे पहले घर में मंदिर के आगे लाल आसन बिछा कर इंद्रजाल की शुद्धि के लिए 7 बार गंगा जल छिड़के, फिर 5-7 घी के दीपक, धुप जला कर इंद्रजाल के सम्मुख रख दीजिये फिर अष्टगंध, काली हल्दी और कुमकुम में गंगा जल मिला कर मिश्रण तैयार करके इंद्रजाल के चारो तरफ और बीच में 11 या 21 बार तिलक लगा कर निम्नलिखित मंत्र जप करे:- ।। ॐ नमो नारायणाय विश्वम्भराय इंद्र जाल कौतुक निर्देशाय दर्शनं कुरु स्वाहा।।
इससे इंद्रजाल सिद्ध हो जायगा उसके पश्चात आप प्रयोग के लिए इंद्रजाल को लाल कपडे में बांधकर, अथवा लकड़ी की फ्रेम में घर के अंदर दीवाल में अथवा मंदिर में रख दीजिये इससे कई लाभ मिलते हैं। इंद्रजाल बुरे प्रभावों से छुटकारा पाने में मदद करता है, नज़र दोष, नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने, चोरी से बचाव, भाग्य वृद्धि आदि में मदद करता है। पूरी तरह से शुद्ध, ऊर्जावान और सिद्ध इंद्रजाल अपने शक्तिशाली और जादुई प्रभाव ला सकता है। इसे आपके घर या कार्यस्थल पर कहीं लगाया जा सकता है |